मिसेज कृष्णा सैनानी और निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा की आंख खोलने वाली फिल्म “फ्यूचर फाइट” दुनिया भर के फेस्टिवल्स में

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव और दुनिया मे पानी की किल्लत के ज्वलंत मुद्दे पर बनी है फ़िल्म

पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग पर काफी डॉक्यूमेंट्री फिल्मे बनी हैं। मगर लेखक ओर निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा ने इस गंभीर विषय पर काफी कमर्शियल और प्रभावी शार्ट फ़िल्म फ्यूचर फाइट बनाई है। उनका कहना है कि हम फ्यूचर के लिए लड़ाई कर रहे हैं। इंसान ने दुनिया के लिए प्लास्टिक नाम का बहुत बड़ा जहर बनाया है। उसके अधिकतर इस्तेमाल से पीने का पानी खत्म होता जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार समुंदर से पानी आकाश की ओर नहीं जा पा रहा है क्योंकि प्लास्टिक की परतें नीचे धँसती जा रही हैं। इसलिए बारिश अब कम होती है। हम 5जी और 8जी जैसी नई तकनीकों का इंतजार कर रहे हैं, मगर उधर बुनियादी चीज पानी दुनिया से खत्म होता जा रहा है। आप यकीन करेंगे कि आज पूरी दुनिया मे पीने लायक पानी सिर्फ 2.5 प्रतिशत है।

यूएई में दुबई के फ्यूचर म्यूज़ियम में जब ये फ़िल्म पेश की गई तो वहां के शेख हैरान रह गए और कहा कि हम यहां भविष्य की योजनाएं बना रहे हैं और यह सोचा ही नहीं, कि दुनिया मे इतना सीरियस ईशु चल रहा है, और दुनिया खात्मे के कगार पर है।

लेखक ओर निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म को दर्शकों की बड़ी संख्या तक पहुंचाने के लिए हमने कनाडा की ऎक्ट्रेस घडा लाजमी को कास्ट किया, जाने माने एक्टर रवि भाटिया को लिया, और इसे एक फीचर फिल्म की तरह फ़िल्माया। इस फ़िल्म में हमने दिखाया है कि पानी के लिए लोग लड़ रहे हैं, एक दूसरे को पानी के लिए मारने तक पर उतर गए हैं।

दुबई में बारिश नहीं होती, आर्टिफिशियल बारिश एक बार कराने का खर्च 100 बिलियन डॉलर होता है। अगर हमने अभी प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह बंद नहीं किया तो 2050 तक पीने का एक लीटर पानी 870 रुपए का मिलेगा। दुनिया से खारा पानी भी खत्म होता जा रहा है। 2065 में आसमान से हमारी दुनिया ग्रे कलर की नजर आएगी।

लॉक डाउन के दौरान यह फ़िल्म बनाई गई थी।बेहतरीन एक्टर्स के साथ उम्दा कैमरे से फिल्माई गई फ़िल्म का पोस्ट प्रोडक्शन बेहतर ढंग से करवाया गया है। 12 मिनट की फ़िल्म के क्लाइमेक्स में एक प्रभावी मैसेज दिया गया है। इसे कान्स फ़िल्म फेस्टिवल, स्कॉटलैंड, कोलंबिया के फेस्टिवल्स में दिखाया जाएगा। ऐसे देशों में भी इसकी स्क्रीनिंग होगी जहां लोगों ने पानी के लिए काफी संघर्ष किया है, सहन किया है।

फ़िल्म के डायरेक्टर कहते हैं कि हर साल 11 अरब पेड़ काटे जा रहे हैं, इसका नतीजा क्या होगा। यह एक कमर्शियल फ़िल्म है, जिसका लुक और फील किसी हॉलीवुड मूवी की तरह का है। इसकी प्रोड्यूसर मिसेज कृष्णा सैनानी का बड़ा प्रोफ़ाइल है, एक रिटायर्ड लेडी हैं। लोगों में पानी व पेड़ को बचाने, प्लास्टिक के इस्तेमाल न करने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह फ़िल्म बनाई है। प्लास्टिक बंद नहीं किया गया तो 2065 तक आधी दुनिया तबाह हो जाएगी, ये कोरोना तो बस शुरुआत है, आप समझ लें। हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति खत्म होती जा रही है। आज इंसान की उम्र कम होते होते 55-60 तक आ गई है।

इस फिल्म को सिर्फ हिंदुस्तान मे नही सारी दुनिया मे पेश किया जा रहा है, इस फिल्म से ऐसे देश काफी इन्स्पायर हो रहे है जो आज ये सच्चाई देख सकते है। दुनिया भर के 60 देशो मे इस फिल्म को पेश करने का टारगेट निर्माता निर्देशक ने तय किया है। इस फिल्म की निर्मात्री श्रीमती कृष्णा सैनानी हैं, जो भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई की सीनियर एग्जेक्युटिव मार्केटिंग रह चुकी हैं। वहीं फ़िल्म के निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा को दादा साहेब फाल्के गोल्डन कॅमेरा अवार्ड 2020 से नवाजा जा चुका है। इनकी सूझबूझ और देश के लिये कुछ करने का जुनून व जज़्बा इस फिल्म के द्वारा दिखाई देता है। इन्होने इस फिल्म को सारी दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया है। इस फिल्म के कलाकारों में रवि भाटिया,  रंजीत शशिकांत, अभिनेत्री घडा लाजमी का नाम उल्लेखनीय है, साथ ही बाल कलाकार पार्श्व नंदा ने भी काफी बेहतर काम किया है। यह फ़िल्म लोगों को सोचने पर मजबूर करने वाली है। इस फिल्म को त्रिशूल फिल्म कंपनी और प्रकाश सर्जेराव सदावर्ते ने प्रेजेंट किया है। दीप्ती बनसोडे इस फिल्म की को- प्रोड्यूसर हैं।

मिसेज कृष्णा सैनानी और निर्देशक भरत श्रीपत सुनंदा की आंख खोलने वाली फिल्म “फ्यूचर फाइट” दुनिया भर के फेस्टिवल्स में


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Shad Saleem honored with Spirit of the Community Award in the Asian Trader Awards 2019... Posted by author icon admin Dec 1st, 2019 | Comments Off on Shad Saleem honored with Spirit of the Community Award in the Asian Trader Awards 2019