भोजपुरी लोकगीतों में चंपारण सत्याग्रह की आत्मा : कल्पना
सिंगर कल्पना के अलबम ‘चंपारण सत्याग्रह’ का लोकार्पण
पटना : कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री शिवचंद्र राम ने आज पटना के होटल कौटिल्या में बॉलीवुड व भोजपुरी सिंगर कल्पना पटोवारी का महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह पर आधारित एक अलबम ‘चंपारण सत्याग्रह’ का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कल्पना ने अपनी आवाज से बिहार व भोजपुरी संस्कृति को दुनियाभर के जनमानस के बीच पहुंचाया। कल्पना ने भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर को समर्पित अलबम ‘द लेजेंसी ऑफ भिखारी ठाकुर’ और ‘द एंथ्रोलॉजी ऑफ बिरहा’ के जरिए अतंर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।
श्री राम ने कहा कि कल्पना का गांधी जी को याद करते हुए आवाज व विचार के जरिए तथ्य संग्रह का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल के मौके पर जहां राज्य सरकार के कई विभाग अपने स्तर से काम कर रही है, वहीं कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से भी कई आयोजन किए जाएंगे। विभाग कार्यशाला, विरासत यात्रा और फिल्म प्रदर्शन के जरिए गांधी जी की चंपारण सत्याग्रह को लोगों के बीच प्रस्तुत करेगी।
वहीं, कल्पना पटोवारी ने कहा कि भोजुपरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए अपने म्यूजिकल प्रयास के तीसरे चरण में उन्होंने ‘चंपारण सत्याग्रह’ की परिकल्पना की, जो अब सबके सामने है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी चंपारण सत्याग्रह की मूल आत्मा थी। महात्मा गांधी का पूरा जीवन अनुकरणीय है। उनका यह प्रयास इस प्रयास का हिस्सा है ताकि आज की पीढी उनके योगदान को कृतज्ञतापूर्वक याद कर सके। खास कर जिस तरीके से गांधी बाबा ने चंपारण के लोगों को एकजुट किया था, वह आज भी इतिहास के मुताबिक किदवंती है।
कल्पना ने कहा कि गांधी बाबा ने भोजपुरी को अपना हथियार बनाया था। इसलिए उनके सहयोगी सत्याग्रह की सफलता के लिए भोजपुरी में लोकगीतों की रचना करते और फिर लोगों के बीच गायन करते थे। कल्पना ने भोजुपरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।