पटना। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 के अवसर पर पटना के अधिवेशन भवन में आज तीसरे व अंतिम दिन फिल्म ‘बापू ने कहा था’, ‘अ रोड टू गांधी’ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ दिखाई गई। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन पटना के अधिवेशन भवन में 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक किया गया। अब यह महोत्सव 29 अप्रैल से एक मई तक मुजफ्फरपुर में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा गांधी जी से जुड़ी शॉर्ट फिल्म ‘सेवाग्राम’, ‘वर्धा’ और ‘साबरमती आश्रम’ भी दिखाई गई।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव श्री आंनद कुमार एवं सांस्कृतिक निदेशालय के निदेशक सत्यप्रकाश मिश्रा ने कहा कि गांधी जी विचारों को जन – जन तक ले जाने के लिए अब गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन मुजफ्फरपुर में किया जाएगा। यहां भी गांधी जी के विचारों से जुड़ी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि युवा पीढी उनके विचारों से प्रेरित हो सकें। क्योंकि आज गांधी जी के विचारों को नए पीढ़ी के बीच पहुंचाने की जरूरत है ।
आज दिखाई गई पहली फिल्म ‘बापू ने कहा था’। 80 मिनट की यह फिल्म सन 1950 के दशक में बनी थी, जो बच्चों पर आधारित है। फिल्म में मोरारजी देसाई बच्चों को बापू के बचपन की प्ररेक कहानियां सुनाते हैं, जिसे इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है। आज की दूसरी फिल्म थी – ‘अ रोड टू गांधी’। यह फिल्म एक इंटरव्यू के शक्ल में डॉक्यूमेंट्री है। इसमें गांधी जी के एक जर्मन अनुयायी हर्बर्ट फीचर बताते हैं कि कैसे वे नाजी तानाशाह हिटलर की जर्मनी से कठिनाईयों का सामना करते हुए गांधी जी से मिलने भारत आये थे। इस दौरान वे कई सालों तक उनके साथ भी रहे थे। यहां तक हर्बर्ट की शादी गांधी जी के आश्रम में ही हुई थी और बाद में वे भारत के पहले जर्मन राजदूत भी बने।
वहीं, आज की अंतिम फिल्म साल 2006 में राजकुमार हिरानी निर्मित ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ थी। फिल्म में 21वीं सदी के शुरूआत के भारतीयों के सोच से जुड़ी कहानी है। इसमें हंसी के फव्वारे के साथ दिल को छू लेने वाले भी कई संदेश दिखाए गए हैं। इस दौरान तारानंद वियोगी, सत्यप्रकाश मिश्रा, संजय कुमार सिंह, देवेंद्र खंडेलवाल, विनोद अनुपम, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा आदि लोग उपस्थित थे।