विभिन्न फिल्म फेस्टिवलों सराही गई फिल्म ‘चकल्लसपुर’ 26 मई से सिनेमाघरों में
पटना, 19 मई 2017 : हिंदी फीचर फिल्म ‘चकल्लसपुर’ उस गांव की कहानी कहती है, जो दो राज्यों के सीमा पर अपनी पहचान को मोहताज है। यह गांव दुनिया के नक्शे से भी गायब है। फिल्म में रोचक घटनाक्रम के साथ इस गांव का कायापलट होते दिखाया गया है। उक्त बातें फिल्म लेखक सह निर्माता – निर्देशक रजनीश जायसवाल ने आज पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने बताया कि फिल्म ‘चकल्लसपुर’ लांस एंजल्स फिल्म फेस्टिवल, दुबई फिल्म फेस्टिवल, गोवा फिल्म फेस्टिवल, मुंबई फिल्म फेस्टिवल और पटना फिल्म फेस्टिवल में सराही जा चुकी है। अब यह फिल्म 26 मई को देशभर में रिलीज की जा रही है।
उन्होंने बताया कि फिल्म की कहानी बिहार और उत्तरप्रदेश के बीच नो मेंस लैंड में बसे गांव चकल्लसपुर से होती है, जिसके लिए विकास सिर्फ एक स्वप्न जैसा है। फिल्म में एक लड़का महज दस साल की उम्र में गांव छोड़ कर दिल्ली चला जाता है, जहां वो सिर्फ मजदूरी करता है। वही, लड़की जब 15 साल बाद अपने गांव वापस आता है, तब गांव वालों की अपेक्षा उससे बढ़ जाती है। मगर वह गांव वालों के लिए कुछ खास नहीं कर पाता है। हालांकि दिल्ली प्रवास के दौरान वह हर साल लाल किले पर प्रधानमंत्री का भाषण सुनने जाता था, जहां प्रधानमंत्री देश और किसानों के विकास संबंधी कई बातें करते थे।
श्री जायसवाल ने बताया कि उस लड़के को भाषण की बात याद आती है और वह गांव वालों को खेती के लिए प्ररित करता है। मगर गांव वाले उसकी बात नहीं मानते हैं। मगर एक गांव वाला उसकी बात को मानकर खेती करता है और किसी कारण से उसकी मौत हो जाती है। इसके बाद लोग उसे गांव से बाहर निकाल देते हैं। कहानी का आगे बढ़ती है, जहां वह पीएमओ में पत्र लिख कर गांव की विकास की बात करता है। फिल्म के क्लाइमेक्स में प्रधानमंत्री उसके गांव आते हैं। इस दौरान गांव की सूरत बदल जाती है और दुनिया से अंजान वह गांव दुनिया भर की नजरों में आ जाता है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे सात उच्चके फेम अभिनेता मुकेश मानस ने कहा कि यह फिल्म उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। फिल्म की पटकथा यर्थाथ का सजीव चित्रण करती है। इस फिल्म में काम करने अनुभव काफी खास रहा। वहीं, नेशनल अवार्ड विनर अभिनेत्री उर्मिला महंथा ने इस फिल्म के बारे में कहा कि यह फिल्म भारत के गांवों की हालात को दिखाते हैं। फिल्म में पिछड़े गांवों में महिलाओं की हालत को भी दिखाया गया है। महंथा ने कहा कि फिल्म चकल्लसपुर की सबसे खास बात ये है कि फिल्म की पटकथा में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात कार्यक्रम’, ‘सांसदों द्वारा गांवों को गोद लेने’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का संदेश भी साथ – साथ चलती है।
वहीं, फिल्म की दूसरी अभिनेत्री पटना की पद्मजा राय ने कहा कि इस फिल्म में काम करना मेरे लिए काफी सुखद अनुभव रहा। क्योंकि पूरी फिल्म की शूटिंग मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में हुई है, तो काम करना और आसान हो गया था। मुझे इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। इससे पहले फिल्म चकल्लसपुर को कई महत्वपूर्ण फिल्म फेस्टिवल में सराहा जा चुका है। उन्होंने कहा कि बैंकग्राउंड स्कोर लिए गाने फिल्म को और आकर्षक बनाती है, जो दर्शकों को पसंद भी आएगी। फिल्म के एडिटर मुकेश मंडल हैं, जो प्रकाश झा के साथ काम कर चुके हैं।