पटना। अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर आज पटना म्यूजियम में फोटो प्रदर्शनी सह सेमिनार का विधिवत उद्धाटन करते हुए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री शिवचंद्र राम ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी समृद्ध और स्वर्णिम है। इसे किताबों से निकाल कर आम जनमानस के बीच ले जाने की जरूरत है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी तकनीक के साथ – साथ अपने कल को जान सकें। उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद और अपर सचिव आनंद कुमार की सराहना करते हुए कहा कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा ऐसे कार्यक्रमों के लिए इनके जैसे अधिकारी व विभाग के लोगों की मेहनत है।
श्री राम ने कहा कि पटना म्यूजियम का इतिहास भी काफी पुराना है, जहां 75,000 से भी अधिक कलाकृतियां, पुरातात्विक अवशेष आदि हैं। यह बिहार के स्वर्णिम इतिहास को दिखाता है। यहां यक्षिणी की मूर्ति है, जो अपने आप में अद्भूत है। यह हमारे कला की संपन्नता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग इतिहास की इन बहुमूल्य धरोहर को लोगों से परिचित कराने के लिए फोटो प्रदर्शनी और सेमिनार का आयोजन किया है, जो एक जरूरी और सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन की जरूर राज्यभर में है, ताकि युवा पीढ़ी अपने पुरखों को जान सकें। इसलिए बिहार के गौरवशाली इतिहास को किताब के पन्नों से निकाल कर आम जनमानस तक ले जाने की जरूरत है।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी का आभार जताते हुए कहा कि आज बिहार सरकार की ओर से परिभ्रमण योजना चलाई जा रही है, जो स्कूल के बच्चों को बौधिक व मानसिक विकास के साथ अपने राज्य की विविधताओं से भी परिचय करवाता है। बच्चे इस म्यूजियम में भी आते हैं और इतिहास को जानते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने इस कार्यक्रम के जरिए ऐतिहासिक वस्तुओं को बच्चों के सामने सब्जेक्ट के रूप में रख, उनपर अपनी चित्रकारी की प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका दिया है।
कार्यक्रम को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद भी संबोधित किया। इससे पहले मंत्री श्री राम ने शोधार्थियों को सम्मानित भी किया। स्वागत भाषण पटना म्यूजियम के सहायक संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शंकर सुमन किया। वहीं, संग्रहालय निदेशक, बिहार श्री राज कुमार झा ने आगत अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया और उद्घाटन समारोह का धन्यवाद ज्ञापन भी किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में तेलहाड़ा पुरातात्विक स्थल पर पुरातत्व निदेशक बिहार डॉ अतुल कुमार वर्मा का संबोधन और राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ एस एस विश्वास द्वारा पटना संग्रहालय के मृण मूर्तियों पर व्याख्यान हुआ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में भारतीय न्यूमिस्मैटिक हिस्टोरिकल एंड कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन मुंबई के निदेशक (शोध) डॉ अमितेश्वर झा के द्वारा पटना संग्रहालय के प्राचीन मुद्राओं पर व्याख्या, खुदाबख्श ओरियंटल लाईब्रेरी पटना के पूर्व निदेशक डॉ इम्तियाज अहमद द्वारा पटना संग्रहालय के मध्यकालीन पुरावशेषों के विषय पर व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम का समापन पटना संग्रहालय के क्षेत्रीय उपनिदेशक डॉ अरविंद महाजन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस दौरान मुख्य रूप से कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, निदेशक सत्यप्रकाश मिश्रा, उपसचिव तारानंद वियोगी, उपसचिव राम कुमार झा, अपर सचिव आनंद कुमार, पर पुरातत्व निदेशक बिहार डॉ अतुल कुमार वर्मा, आनंद महामन, पटना म्यूजियम के सहायक संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शंकर सुमन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।