संगीत निर्देशक के रूप में लोगो का प्यार पाने के बाद फिलम निर्देशन के क्षेत्र में भी रजनीश मिश्रा ने सफलता का परचम लहरा दिया। अपनी पहली फिल्म ‘मेंहदी लगा के रखना’ की सफलता के बाद अब ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ लेकर तैयार हैं। फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है। पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है। रजनीश कहते हैं कि वे नरकटियागंज, बेतिया से मुंबई तो पढाई करने को आए थे, मगर गाने के शौक बचपन से ही था। पढ़ाई के साथ – साथ गायकी का भी कर लेते थे। संगीत की भी थोड़ी बहुत समझ थी।
वे आगे कहते हैं कि इसी दौरान उनकी मुलाकात भोजपुरी फिल्म ‘निरहुआ रिक्शावाला’ के निर्माता से हुई और उन्होंने उन पर भरोसा किया और अपनी फिल्म के संगीत निर्देशन की अहम जिम्मेदारी दी। उन्होंने कहा – ‘मैंने अपने मित्र राजेश के साथ मिलकर फिल्म में संगीत दिया। फिल्म के सभी गाने सुपर हिट रहे और लोगों ने इस फिल्म के गाने न सिर्फ पसंद किया, बल्कि खूब सराहा भी। वहीं, फिल्म भी सिल्वर जुबली बनी।
रजनीश कहते हैं – इस फिल्म के बाद इंडस्ट्री में मुझे जमने का मौका मिला और मैंने अब तक 73 फिल्मों में बतौर संगीत निर्देशक काम करने का सौभाग्य मिला। इसी बीच मेरी मुलाकात फिल्म ‘पटना से पाकिस्तान’ के निर्माता अनंजय रघुराज से हुई। मैं उनकी फिल्म में अब तक बतौर म्यूजिक डायरेक्टर ही काम कर रहा था। मगर इस मुलाकात के दौरान मैंने उन्हें अपनी एक कहानी सुनाई। कहानी उन्हें पसंद आई। फिर उन्होंने मुझे कहानी पर काम करने को कहा। बाद में जब मैंने उन्हें अपनी पटकथा सौंपी तो उन्होंने मुझ पर भरोसा करते हुए मुझे ही फिल्म के निर्देशन की जिम्मेवारी सौंपी दी। यह फिल्म थी ‘मेंहदी लगा के रखना’, जो भोजपुरिया बॉक्स ऑफिस पर सुपर डूपर हिट हुई।
उन्होंने कहा कि मेरे निर्देशन के दौरान भोजपुरी फिल्मों में बतौर खलनायक दिखने वाले मंजे हुए अभिनेता अवधेश मिश्रा का हर कदम पर भरपूर साथ मिला। फिर फिल्म के हिट होने के बाद मैं बतौर डायरेक्टर दूसरी फिल्म ‘मैं सेहरा बांध के आउंगा’ जल्द ही लेकर आ रहा हूं, जो तीन भाईयों की कहानी है। उम्मीद करते हैं पिछली फिल्म की तरह इस फिल्म को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिलेगा। क्योंकि मैं बिहार की माटी का बेटा हूं, तो अपनी मिट्टी की उपेक्षा मैं कैसे कर सकता हूं। इसलिए मैं अपनी कहानी बिहार के गांवों के इर्दगिर्द बुनता हूं, जिससे दर्शक खुद को अपने गांव से कनेक्ट कर पाएं।