100 करोड़ का आंकड़ा छूने की होड़ अब तक हम फिल्मों में देखते आए हैं, लेकिन अगर मंदिरों में भी 100 करोड़ की होड़ नज़र आने लगे,तो आप क्या सोचेंगे। आप यह अनुमान न लगाएं कि किसी मंदिर में भक्तों से 100 करोड़ का चढ़ावा आया है। दरअसल, यहां मामला एक चांदी के घंटे से जुड़ा है जो चोरी हो गया है।
यह घंटा गांव रामगढ़ के एक प्राचीन मंदिर में लगा था, जहां ठाकुरों का वर्चस्व है। आप यह न समझें कि यह फिल्म ‘शोले’ का रामगढ़ है बल्कि इसे फिल्म ‘घंटा चोरी हो गया’ में दिखाया गया है। देवश्री एंटरटेन्मेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म में ठाकुर खानदान की तूती बोलती है, जिन्होंने मंदिर में एक कीमती घंटा लगवाया हुआ था, पर अचानक चोरी हो गया।
इस खानदान के दो चिराग हैं। ठाकुर रूद्र प्रताप सिंह और कहर सिंह, जिनमें वर्चस्व की जंग चलती रहती है। बड़े ठाकुर के रूप में अभिनेता निमाई बाली फैसला करते हैं कि अब वह 100 करोड़ का सोने का घंटा मंदिर में चढ़ाएंगे, पर छोटे ठाकुर शाहबाज़ खान अपना खलनायकी तेवर दिखाते हुए बड़े ठाकुर को ऐसा करने से रोकने की कोशिशें शुरू कर देते हैं क्योंकि इस गांव में प्रथा है कि जो भी मंदिर में घंटा चढ़ाएगा, गांव का मुखिया वही होगा। गांव का मुखिया बनने की ख्वाहिश में वह रूद्रप्रताप के रास्तों में कांटे बिछाने का काम करते हैं। इस बीच रूद्रप्रताप द्वारा खरीदा गया सोने का घंटा मंदिर में मौजूद पुजारी के घर रखवा दिया जाता है, लेकिन अचानक वह घंटा भी चोरी हो जाता है। संदेह पुजारी पर जाता है। बस, यहीं से कहानी दिलचस्प मोड़ लेने लगती है। फिर शुरू होती है कॉमेडी, जो दर्शकों को हंसाते-गुदगुदाते हुए उनका मनोरंजन करेगी। कुणाल जायसवाल और छाया सोनी इसी फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म में राघवेंद्र तिवारी भी अहम भूमिका में हैं। पुलिस इंस्पैक्टर के रूप में चोरी हुआ घंटा तलाशने निकलते हैं विक्रम गुर्जर, जो फिल्म ‘घंटा चोरी हो गया’ के निर्माता और निर्देशक भी हैं।